Wednesday, December 16, 2009

एक ख्वाब

तेरी आगोश में जग जाये जो
वो सुबह कब आयेगी
तेरी खामोशी की कहानी
तेरी धड़कन सुनाएगी
मेरी दुआ में सिमटी
एक रात आएगी ........
एक सुबह आएगी ......

Saturday, November 7, 2009

एक बूंद ....

वो एहसास ,
जो तुम्हे मुझसे बांधता है
रस्मो की दीवारों को फांदता है
मेरे वजूद में,
तेरे अस्तित्व को जानता है
वो प्यार है ........
दोस्त ।

Monday, October 26, 2009

रूह भी चटक गई
ये कैसी सर्द हवा चली
मेरी जागती आँखों में
फ़िर कोई रात न ढली
एक युग बीत गया दोस्त
तुझसे बात हुई ........

Sunday, October 25, 2009

युग की कथा

राम सुनाये सीता जी को युगों युगों की आज कथा
हर युग की अपनी है कहानी ,हर युग की अपनी है व्यथा ।

कहो नाथ वो ,युग कलियुग का ,कैसा होगा
उसमे भी कोई अग्नि परीक्षा ,और भटकता प्रण होगा

बोले राम फ़िर सुनो सिया ,युग कलियुग का ऐसा होगा
बाहर से वो राम सरीखा ,भीतर से रावण होगा ।

स्त्री पुरूष बनके दोस्त ,मदिरा प्याले टकरायेंगे
द्वेष शांत करने को मन का ,मास मदिरा खाएँगे ।

श्वेत कमल भी उस युग में ,दागदार बन जाएगा
इतनी गिर जायेगी मानवता ,बस कुत्ता वफादार बन जाएगा ।

घंटो सोचेंगे मत पिटा ,तब अपना मुख खोलेंगे
निज संतानों के होते ,वो आवारा सडको पर डोलेंगे ।

मशीन रहेंगी दुनिया में ,इंसान कही खो जायेगा
इंसान कही खो जायेगा ......इंसान कही खो जायेगा .......

Thursday, October 22, 2009

tum

मेरे टूटे हुए , विश्वास का नाम हो
जो उतर न सकेगा जीवन मे,वो एहसान हो

खुशबुओ की तरह ,बसा था कभी ,धड़कन में मेरी
बना के खुदा ,पूजा जिसे चाहत ने मेरी
जिसे ख़ुद को भुला के ,भुला न सके
तुम वो इंसान हो ............................ नमन नमन

जो सिखाता है चलना ,दुनिया में दिल की राहो पर
जो बताता है जीना ,चाहत की पनाहों पर
जो patthar में छुप गया है
तुम वो भगवान् हो ......................

तुमसे करके, सारी दुनिया से ,प्यार हमने किया
जीवन की खुशियों को ,हर पल तुझमे जिया
जो मिटा गया हर ,एक निशाँ मुझमे
तुम वो तूफ़ान हो ................................

इतना बदल कर मुझे कितने अनजान हो
मेरे बिखरे हुए सच का तुम अंजाम हो
मैंने रिश्तो की हदे नाप डाली, या तुम इतने नादाँ हो
मेरे टूटे हुए विश्वास का एक नाम हो .......



Tuesday, October 20, 2009

आरजू

तुम मुझे
अपने विश्वास का
ऐसा
सहारा मत दो

जो किन्ही
मुश्किल घडियों में
मुझे प्रेरित करे
तेरा साथ दूंद लेने को

मत दो
कोई अधिकार ऐसा
दोस्ती में
जो ख़ुद
मेरे अन्तेर्मन को
डराने लगे
हो सके तो
अकेले चलने का
सबक देना
पर दोस्ती का हाथ
छोड़ना नही
क्योकि दोस्ती
आधार है
जीवन का विश्वास का ।

Sunday, October 18, 2009

दिल चाहता है .......

जाना है ये
इंसान बड़ा मजबूर हैं
मेरी मंजिले
तेरे रास्तो से दूर है
तो क्या हुआ
तुम
मन की राह मे
साथ रहो
खामोश मै सुनती रहू
तुम कहते रहो
दिल चाहता है ........
दोस्त ।

मेरे ब्लॉग को पढने वाले दोस्तों को दिल से शुक्रिया , युही साथ रहना ............